साया द्वारा लिखित… एक अपना आसमान
अप्रतियक्ष.. अष्कॊं के तूफान के कारण
गुपत…अन्जानॆ चेहरों के कारण
अपना आसमान .. अपने ही आन्खॊं में लियॆ
अपना खॊज…अपनॆ से भिन्न क्यूं ? ? ?
Homeprenuer®, Entrepreneur working from home.
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साया द्वारा लिखित… एक अपना आसमान
अप्रतियक्ष.. अष्कॊं के तूफान के कारण
गुपत…अन्जानॆ चेहरों के कारण
अपना आसमान .. अपने ही आन्खॊं में लियॆ
अपना खॊज…अपनॆ से भिन्न क्यूं ? ? ?
Deepa
awwwwwwee !! thats so sweet to link my post here !! thanks a tonn ..
Saaya..
Your poem was so enticing.. I just couldnt stop >:D< welcome